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V - HINDI - व्याकरण - मुहावरे - अर्थ एवं वाक्य

 

मुहावरे

       मुहावरा एक वाक्यांश है ।

Ø   यह सामान्य अर्थ का वोध नहीं कराता है ।

Ø   यह किसी विलक्षण अर्थ की प्रतीत कराता है ।

Ø    हिन्दी में मुहावरा एक पारिभाषिक शब्द बन गया है ।

 

मुहावरे क्यों प्रयोग किया जाता है ? ( Why do we use Muhaware )

मुहावरे के प्रयोग से भाषा में सरलता, सरसता, चमत्कार और प्रवाह उत्पर्ण होते हैं ।

इसका काम है बात इस खूबसूरती से कहना कि सुननेवाला उसे समझ भी जाए और उससे प्रभावित भी हो ।

 

कुछ विशेषताएँ ( some characteristics )

1. मुहावरे का प्रयोग वाक्य के प्रसंग में होता है, अलग नहीं ।

उदाहरण – पेट काटना (लालित्य/लाक्षणिकता उत्पर्ण नहीं होता है।)

मैंने पेट काटकर अपने लड़के को पढ़ाया । (इस वाक्य के अर्थ में लालित्य/लाक्षणिकता उत्पर्ण होता है ।)

2. मुहावरा अपना असली रूप कभी नहीं बदलता । अर्थात मुहावरा के जगह पर इसका पर्यायवाची शब्द व्यवहृत नहीं होता है ।

उदाहरण – कमर टूटना के जगह कटिभंग जैसे शब्द का प्रयोग गलत है ।

3. मुहावरे का शब्दार्थ ग्रहण नहीं किया जाता है ।इसका अवबोधक अर्थ ग्रहण किया जाता है ।

उदाहरण – खिचड़ी पकाना । इस मुहावरे में दो शब्द हैं । इन दोनों शब्द जब मुहावरे के रूप में प्रयुक्त होगें, तब इन दोनों शब्दों का अर्थ कोई काम नहीं देगा । लेकिन वाक्य में जब इन शब्दों का प्रयोग होगा, तब इसका अवबोधक अर्थ होगा  गुप्तरूप से सलाह करना

4. मुहावरे का अर्थ प्रसंग के अनुसार होता है ।

उदाहरण – युद्ध में शहीद हो जाना है । ( x लड़ाई के स्थान पर किसी खेत का चला आना । )

5. मुहावरे भाषा की समृद्धि  और सभ्यता के विकाश के मापक हैं । जो समाज जितना अधिक व्यावहारिक और कर्मठ होगा, उसकी भाषा में इनका प्रयोग उतना ही अधिक होगा ।

6. समाज़ और देश की तरह मुहावरे भी बनते-बिगड़ते हैं । नए समाज़ के साथ नए मुहावरे बनते हैं ।

7.हिन्दी के अधिकतर मुहावरों का सीधा संबंध शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों से है । जैसे – मुँह, कान, हाथ ,पाँव इत्यादि ।

कुछ मुहावरों के अर्थ एवं वाक्य में प्रयोग

अँगूठा दिखाना – समय पर धोका देना

अपना काम तो निकाल लिया, पर जब मुझे जरूरत पड़ी, तब अँगूठा दिखा दिया । भला यह भी कोई मित्र का लक्षण है !

अंधे की लकड़ी -   एक ही सहारा

भाई, अब तो यही एक बेटा बचा, जो मुझे अंधे की लकड़ी है । इसे परदेश न जाने दूँगा ।

आस्तीन का साँप – कपटी मित्र

वह आस्तीन का साँप है । उससे साबधान रहो ।

अपने पाँव आप कुल्हाड़ी मारना - संकट मोल लेना

उससे तकरार कर तुमने अपने पाँव आप कुल्हाड़ी मारी है ।

अपने मुँह मियाँ मिट्ठू होना – अपनी बड़ाई आप करना

जो योग्य होते हैं, उनकी प्रशंसा दूसरे करते ही हैं । वे अपने मुँह मियाँ मिट्ठू नहीं बनते ।

ईंट-से-ईंट बजाना  युधात्मक विनाश लाना

ईंट का जवाब पत्थर से देना – किसी की दुष्टता का करारा जवाब देना ।

ऐसे दुश्मनों की ईंट का जवाब हम पत्थर से देते हैं ।   

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